दोस्तों टैली इआरपी 9 के सॉफ्टवेयर को चलाना बहुत ही सरल है बस इसके लिए आपको थोडा-से एकाउंट्स की समझ होनी चहिए और अगर आपने इसे कभी नहीं पढ़ा है तो आप यह बिल्कुल न सोचे की अब आप टैली इआरपी 9 को कभी नहीं चला पाएंगे। यहाँ पर में आपको इतनी अकाउंट के बारे में तो जरुर बताउंगा जिसके बाद आप टैली इआरपी 9 के सॉफ्टवेयर को आसानी के सात चला सके और समझ सके। दोस्तों एकाउंट्स एक बहुत बड़ा-सा टॉपिक है इसीलिए में यहाँ पर केवल एकाउंट्स के उस एक ऐसे हिस्से पर चर्चा करूँगा जो एकाउंट्स का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है तो शुरू करते है :-
खाते कितने प्रकार के होते हैं?
(01). Personal Accounts :- सभी व्यक्तिगत नाम (कम्पनिया एवं ट्रस्ट आदि) इसके अंतर्गत आते है, आईये इसे उदाहरण के साथ समझते है –
Prabhat A/c
Om Enterprises A/c
Rajat Traders A/c
State Bank Of India A/c
Guruduwara Managment Comety
(02). Real Accounts :- सभी प्रकार के ऐसेट्स और गुडस् अकाउन्ट इसके अंतर्गत आते है, आईये इसे उदाहरण के साथ समझते है –
Machinary and plant A/c
Furniture A/c
Building and Land A/c
Cash A/c
Purchase A/c
Sale A/c
(03). Nominal Accounts :- इसके अंतर्गत बिजनेस से संबंधित सभी आय और खर्च के खाते आते है, आईये इसे उदाहरण के साथ समझते है –
Advertisement A/c
Printer ans Stationary Exp A/c
Bank Commision And Charges Exp A/c
Bank Interest Exp A/c
Commission Exp A/c,
Commission Income A/c
Electricity Exp A/c
Legal Exp. A/c
Other Income A/c
Rent Exp A/c
Salary Exp A/c
Salary Income A/c
क्या होता है डेबिट और क्रैडिट?
Dr और Cr को एकाउंट्स की नीव मानी जाती है जिसे हम हिंदी में “लेन-देन” से भी समझ सकते है। एकाउंट्स में कोई भी एन्ट्री व्यापार को सदैव दो प्रकार से प्रभावित करती है जिसे हम डेबिट और क्रेडिट के रूप में समझते है। यदि कोई भी वस्तु व्यापार से जाएगी तो उसी value की कोई वस्तु व्यापार में जरुर आएगी।
किस प्रकार से डेबिट और क्रैडिट को लिखा जाता है?
दोस्तों डेबिट और क्रेडिट को हम किसी भी टेबल में इस प्रकार से लिखते है। डेबिट हमेशा आगे की ओर लिखा जाता है और क्रैडिट हमेश पीछे की ओर।
Dr Cr
सामान्य तौर पर हम किस प्रकार से जर्नल एन्ट्री करते है, इसको समझाने के लिए मैंने यहाँ पर कुछ सरल उदाहरण चुने है:-
01 उदाहरण:- 2000/- रू० का माल नकद खरीदा (Type of Purchase)।
Dr Cr
Cr Cash 2000
Dr Purchase A/C 2000
यहाँ पर हमने 2000/- रू की नकद खरीद की है। खरीद अकाउंट आया है इसीलिए purchase a/c को हमने डेबिट किया है(नोट:- Dr = आया) ।
अब जो हमने नक़द खरीद की है उसके बदले में हमने cash दिया है इसलिए हमने cash को क्रेडिट किया है(नोट:- यहाँ पर Cr = गया )।
02 उदाहरण:- 2000/- रू० का माल श्यामलाल से खरीदा (Type of Purchase)।
Dr Cr
Cr Shyamlal 2000
Dr Purchase A/C 2000
यहाँ पर हमने 2000/- रू की खरीद श्यामलाल से की है तो यहाँ पर हमारा खरीद अकाउंट डेबिट ही रहेगा। पर
पिछली बार हमने नक़द खरीद की थी लेकिन इसबार हमने उधार खरीद की है जिस कारण हम shyamlal के 2000/- रू के ऋणी हो गए है यानि अब हम श्यामलाल को 2000/- रू देंगे इसलिए हमने उसे क्रेडिट कर लिया है।
03 उदाहरण:- 1000/- रू० नकद श्यामलाल को दिए (Type of Payment)।
Dr Cr
Dr Shyamlal 1000
Cr Cash 1000
यहाँ पर हमने 1000/- रू shyamlal को डेबिट किए है।
cash गया है जो हमने क्रेडिट किया है(नोट:- Cr = गया )।
04 उदाहरण:- 1000/- रू० का चैक श्यामलाल को दिया (Type of Payment)।
Dr Cr
Dr Shyamlal 1000
Cr Bank A/C 1000
यहाँ पर हमने 1000/- रू shyamlal को डेबिट किए है।
1000/- रू बैंक अकाउंट से गए है इसलिए हमने बैंक को क्रेडिट किया है(नोट:- यहाँ पर Cr = गया )।
05 उदाहरण:- 3000/- रू० का माल मोहन को नकद बेचा (Type of Sale)।
Dr Cr
Dr Cash 3000
Cr Sale A/C 3000
यहाँ पर Dr मोहन नहीं आयेगा क्योकि हम यहाँ नकद की बात कर रहे है। हमने Cash को डेबिट किया है क्योकि cash आ रहा है और जो चीज़ आती है उसे Dr कहते है(नोट:- Dr = आना)।
हमारे व्यापार से sale जा रही है इसलिए हमने sale को क्रेडिट किया है(नोट:- यहाँ पर Cr = गया )।
06 उदाहरण:- 3000/- रू० माल मोहन को बेचा(Type of Sale)।
Dr Cr
Dr Mohan 3000
Cr Sale A/C 3000
यहाँ पर Dr मोहन आयेगा क्योकि हम यहाँ माल को उधार बेच रहे है। हमने मोहन को डेबिट कर लिया है क्योकि अब हमें मोहन से 3000/- रू लेनें है(नोट:- Dr = आया)।
sale, क्रेडिट ही रहेगी(नोट:- Cr = गया )।
07 उदाहरण:- 2000/- रू० मोहन से नकद प्राप्त किए (Type of Reciept)।
Dr Cr
Cr Mohan 2000
Dr Cash 2000
यहाँ पर Cr मोहन आयेगा। यहाँ पर मोहन रू दे रहा है।
Cash, Dr होगा क्योकि वह आ रहा है।
08 उदाहरण:- 2000/- रू० का चैक मोहन से प्राप्त किया (Type of Reciept)।
Dr Cr
Cr Mohan 2000
Dr Bank A/C 2000
यह पर भी मोहन Cr होगा और cash की जगह Bank a/c, डेबिट हो जायेगा।
09 उदाहरण:- मुझे रोहन से 1000/- रू लेने है और सोहन को 1000/- रू देने है (Type of Journal)।
Dr Cr
Cr Rohan 1000
Dr Sohan 1000
यह पर मुझे रोहन से 1000/- रू लेने थे इसीलिए मैंने रोहन के 1000/- रू Cr कर लिए और वही 1000/- रू मैंने सोहन को दे दिए या फिर सोहन को Dr कर दिए।
दोस्तों अब आपको यह दोनों उधारण देख कर थोड़ा कुछ जरुर समझ में आ रहा होगा कि किस प्रकार से सरल एन्ट्री को किया जाता है। मुझे पता है कि अब भी आपको इन्हें समझने में थोड़ी बहुत दिक्कत जरुर आ रही होगी, पर आप बिल्कुल भी न घबराए बस एक बार पुन: दोहराते हुए समझने की कोशिश जरुर करे। दोस्तों में आपको बताना चाहता हूँ कि अगर अपने इन नो उदाहरण को ढंग से सीख लिया तो आप यकीनन 60 प्रतिशत एकाउंट्स को समझ लेंगे। यहाँ में आपको कुछ गोल्डन रूल्स के बारे में भी जरुर बताना चाहूँगा जो आपके लिए किसी एन्ट्री को करने में काफी महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे।
क्या होते है यह गोल्डन रूल्स?
यह ऐसे रुल होते है जो हमेशा एक से ही रहते है।
सभी Income हमेशा क्रैडिट होती है।
सभी sale हमेशा क्रैडिट होती है।
सभी Receipt हमेशा क्रैडिट होती है।
सभी Expenses हमेशा डेबिट होती है।
सभी Purchase हमेशा डेबिट होती है।
सभी Payment हमेशा डेबिट होती है।
अगर आपको किसी भी प्रकार की एन्ट्री करनी है तो आपको उसमे से केवल एक एन्ट्री को भलीभांति समझने की जरुरत है और दूसरी एन्ट्री स्वत: ही पूर्ण हो जानी है।
नगद माल बेचा इसे रोकड़ बही मैं कैसे लिखें
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